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Pakistan begins its two year tenure as non permanent member of UNSC पाकिस्तान बना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य, भारत पर इसका क्या प्रभाव होगा?

 

साल के पहले दिन में ही पाकिस्तानियों को खुश होने का एक मौका मिला है, क्योकि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दो साल के लिये अस्थायी सदस्य के रूप में सदस्यता प्राप्त हुयी है, पाकिस्तान अस्थायी सदस्य के रूप में आठवीं बार इस भूमिका को निभाएगा, इस दौरान वह जुलाई 2025 में एक महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता भी करेगा।

 

इस अवसर पर मुनीर अकरम जो कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि है द्वारा कहा गया कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर ‘सक्रिय और सकारात्मक’ भूमिका निभाएगा। पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य के रूप में अफगानिस्तान में आतंकवाद से सम्बन्धित मुद्दों को उठाये जाने की बात कही गया है। जबकि पाकिस्तान खुद पूरी दुनिया में आंतकवाद की फैक्ट्री के रूप में जाना जाता है, यहाँ पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों की सूची में से कई आतंकवादी पूरे सम्मान के साथ निवास करते है, इस अवसर का लाभ उठाते हुये पाकिस्तान द्वारा स्वयं को आंतकवाद से पीड़ित देश दिखाये जाने का पूरा प्रयास किया जायेगा। वही पाकिस्तान द्वारा भारत के राज्य जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के सम्बन्ध में भी मुद्दा उठाये जाने की पूर्ण सम्भावना है।

 

यहाँ पर बता दे कि, संयुक्त राष्ट्र परिषद में कुल पाँच स्थाई सदस्य देश है, अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, रूस एवं फ्रांस इसके अतिरिक्त दस अस्थायी सदस्य देश होते है, जिनका चुनाव संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा किया जाता है। किसी भी अस्थायी सदस्य का कार्यकाल 02 वर्ष के लिये होता है, ये सभी 10 सदस्य देश विश्व के अलग-अलग क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व देने के हिसाब से चुने जाते है। जिसमें से 5 सीटे अफ्रिका एवं एशियाई देशों से दो सीटें लेटिन अमेरिकी व कैरिवियन देशों सं एक सीट पूर्वी यूरोपीय देशों से व एक-एक सीट पश्चिमी यूरोपीय देशों को दी जाती है।

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